Hello Friends, आज हम यानि Wifigyan.com आप सभी लोगो को Indus Valley Civilization के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जो की आपके परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी होगी और साथ ही आपको Indus Valley Civilization से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न भी बतायेंगे जो की आने वाले परीक्षा में पूछा जा सकता है| दोस्तों सिन्धु सभ्यता से हमेशा ही परीक्षा में प्रश्न पूछा जाता है इसलिए सिन्धु सभ्यता को आप लोग अच्छे से पढ़ ले और साथ ही उसके प्रश्नों का भी अभ्यास कर ले जो निचे दिए गया है|
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Indus Valley Civilization Notes With Question Answer in Hindi:-
Indus Valley Civilization के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी:-
समय काल:- 3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल:- 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.
सिन्धु घटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के खोजकर्ता:- दयाराम साहनी (1921 में)
नामकरण:-
यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के 1400 केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से 925 केन्द्र भारत में है। 80 प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से 3 प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है।
पर बाद में रोपड़, लोथल, कालीबंगा, वनमाली, रंगापुर आदि क्षेत्रों में भी इस सभ्यता के अवशेष मिले जो सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र से बाहर थे। अतः कई इतिहासकार इस सभ्यता का प्रमुख केन्द्र हड़प्पा होने के कारण इस सभ्यता को “हड़प्पा सभ्यता” नाम देना अधिक उचित मानते हैं।
विस्तार:-
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का क्षेत्र संसार की सभी प्राचीन सभ्यताओं के क्षेत्र से अनेक गुना बड़ा और विशाल था। इस परिपक्व सभ्यता के केन्द्र-स्थल पंजाब तथा सिन्ध में था। तत्पश्चात इसका विस्तार दक्षिण और पूर्व की दिशा में हुआ। इस प्रकार हड़प्पा संस्कृति के अन्तर्गत पंजाब, सिन्ध और बलूचिस्तान के भाग ही नहीं, बल्कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमान्त भाग भी थे।
Indus Valley Civilization का फैलाव उत्तर में रहमानढेरी से लेकर दक्षिण में दैमाबाद (महाराष्ट्र) तक और पश्चिम में बलूचिस्तान के मकरान समुद्र तट के सुत्कागेनडोर से लेकर उत्तर पूर्व में मेरठ और कुरुक्षेत्र तक था। प्रारंभिक विस्तार जो प्राप्त था उसमें सम्पूर्ण क्षेत्र त्रिभुजाकार था (उत्तर में जम्मू के माण्डा से लेकर दक्षिण में गुजरात के भोगत्रार तक और पश्चिम में अफगानिस्तान के सुत्कागेनडोर से पूर्व में उत्तर प्रदेश के मेरठ तक था और इसका क्षेत्रफल 12,99,600 वर्ग किलोमीटर था।) इस तरह यह क्षेत्र आधुनिक पाकिस्तान से तो बड़ा है ही, प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया से भी बड़ा है। ईसा पूर्व तीसरी और दूसरी सहस्त्राब्दी में संसार भर में किसी भी सभ्यता का क्षेत्र हड़प्पा संस्कृति से बड़ा नहीं था।
Indus Valley Civilization के प्रमुख शहर:-
विभिन्न राज्यों में कई शहर है जो निम्न है-
गुजरात
- लोथल
- सुरकोटदा
- रंगपुर
- रोजदी
- मालवड
- देसलपुर
- धोलावीरा
- प्रभाषपाटन
- भगतराव
हरियाणा
- राखीगढ़ी
- भिरड़ाणा
- बनावली
- कुणाल
- मीताथल
पंजाब
- रोपड़ (पंजाब)
- बाड़ा
- संघोंल (जिला फतेहगढ़, पंजाब)
महाराष्ट्र
- दायमाबाद.
धौलपुर
- रावण उर्फ़ बड़ागांव
- अम्बखेड़ी
- हुलास
जम्मू कश्मीर
- मांदा
राजस्थान
- कालीबंगा
- तरखनवाला डेरा
Indus Valley Civilization के लोगो की आर्थिक जीवन:-
यहाँ के लोग कृषि एवं पशुपालन कार्य के साथ साथ व्यापार और उधोग धंधे भी किया करते थे-
कृषि एवं पशुपालन:-
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के लोग गेंहू, जौ, राई, मटर, ज्वार आदि अनाज पैदा करते थे। वे दो किस्म की गेँहू पैदा करते थे। बनावली में मिला जौ उन्नत किस्म का है। इसके अलावा वे तिल और सरसों भी उपजाते थे। सबसे पहले कपास भी यहीं पैदा की गई। इसी के नाम पर यूनान के लोग इस सिन्डन (Sindon) कहने लगे। हड़प्पा योंतो एक कृषि प्रधान संस्कृति थी पर यहां के लोग पशुपालन भी करते थे। बैल-गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सूअर पाला जाता था। हड़प्पाई लोगों को हाथी तथा गैंडे का ज्ञान था।
व्यापर:-
यहां के लोग आपस में पत्थर, धातु शल्क (हड्डी) आदि का व्यापार करते थे| वे चक्के से परिचित थे और संभवतः आजकल के इक्के (रथ) जैसा कोई वाहन प्रयोग करते थे। ये अफ़ग़ानिस्तान और ईरान (फ़ारस) से व्यापार करते थे| बहुत सी हड़प्पाई सील मेसोपोटामिया में मिली हैं जिनसे लगता है कि मेसोपोटामिया से भी उनका व्यापार सम्बंध था।मेसोपोटामिया के अभिलेखों में मेलुहा के साथ व्यापार के प्रमाण मिले हैं साथ ही दो मध्यवर्ती व्यापार केन्द्रों का भी उल्लेख मिलता है – दलमुन और माकन। दिलमुन की पहचान शायद फ़ारस की खाड़ी के बहरीन के की जा सकती है।
उधोग धंधे:-
मिट्टी के बर्तन बनाने में ये लोग बहुत कुशल थे। मिट्टी के बर्तनों पर काले रंग से भिन्न-भिन्न प्रकार के चित्र बनाये जाते थे। कपड़ा बनाने का व्यवसाय उन्नत अवस्था में था। उसका विदेशों में भी निर्यात होता था। जौहरी का काम भी उन्नत अवस्था में था। मनके और ताबीज बनाने का कार्य भी लोकप्रिय था,अभी तक लोहे की कोई वस्तु नहीं मिली है। अतः सिद्ध होता है कि इन्हें लोहे का ज्ञान नहीं था।
Indus Valley Civilization के लोगो की धार्मिक जीवन:-
हड़प्पा में पकी मिट्टी की स्त्री मूर्तिकाएं भारी संख्या में मिली हैं। एक मूर्ति में स्त्री के गर्भ से निकलता एक पौधा दिखाया गया है। विद्वानों के मत में यह पृथ्वी देवी की प्रतिमा है और इसका निकट संबंध पौधों के जन्म और वृद्धि से रहा होगा। इसलिए मालूम होता है कि यहां के लोग धरती को उर्वरता की देवी समझते थे और इसकी पूजा उसी तरह करते थे जिस तरह मिस्र के लोग नील नदी की देवी की|कुछ वैदिक सूक्तों में पृथ्वी माता की स्तुति है, धोलावीरा के दुर्ग में एक कुआँ मिला है इसमें नीचे की तरफ जाती सीढ़ियाँ है और उसमें एक खिड़की थी जहा दीपक जलाने के सबूत मिलते है। उस कुएँ में सरस्वती नदी का पानी आता था, तो शायद सिंधु घाटी के लोग उस कुएँ के जरिये सरस्वती की पूजा करते थे।
Indus Valley Civilization Question Answer in Hindi:-
- इतिहास का पिता किसे समझा जाता है— हेरोडोटस
- जिस काल में मानव की घटनाओं का कोई लिखित वर्णन नहीं होता, उस काल को क्या कहा जाता है— प्रागैतिहासिक काल
- मानव जीवन की घटनाओं का लिखित वर्णन क्या कहलाता है— इतिहास
- आग का अविष्कार किस युग में हुआ— पुरापाषण युग में
- पुरापाषण युग में मानव की जीविका का मुख्य आधार क्या था— शिकार करना
- पहिए का अविष्कार किस युग में हुआ— नवपाषण युग में
हड़प्पा सभ्यता का प्रचलित नाम कौन-सा है— सिंधु घाटी की सभ्यता - सिंधु की सभ्यता का काल क्या माना जाता है— 2500 ई. पू. से 1750 ई.पू.
- सिंधु की घाटी सभ्यता में सर्वप्रथम घोड़े के अवशेष कहाँ मिले— सुरकोटदा
- हड़प्पा का प्रमुख नगर कालीबंगन किस राज्य में है— राजस्थान में
- हड़प्पा की सभ्यता किस युग की सभ्यता थी— कांस्य युग
- सिंधु की घाटी सभ्यता में घर किससे बने थे— ईंटों से
- हड़प्पा के लोग कौन-सी फसल में सबसे आगे थे— कपास
- हड़प्पा की सभ्यता की खोज सर्वप्रथम किसने की— दयाराम साहनी
- सिंधु सभ्यता का प्रमुख बंदरगाह कौन-सा था— लोथल (गुजरात)
- सिंधु की घाटी सभ्यता का स्थल ‘कालीबंगा’ किस प्रदेश में है— राजस्थान में
- हड़प्पा की सभ्यता की खोज किस वर्ष हुई थी— 1921 ई.
- हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति कैसी थी— उचित समतावादी
- नखलिस्तान सिंधु सभ्यता के किस स्थल को कहा गया है— मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा की सभ्यता में हल से खेत जोतने का साक्ष्य कहाँ मिला— कालीबंगा
- सैंधव सभ्यता की ईंटों का अलंकरण किस स्थान से प्राप्त हुआ— कालीबंगा
- सिंधु की सभ्यता में एक बड़ा स्नानघर कहाँ मिला— मोहनजोदड़ो में
- सिंधु सभ्यता की मुद्रा पर किस देवता का चित्र अंकित था— आघशिव
- मोहनजोदड़ो को एक अन्य किस नाम से जाना जाता है— मृतकों का टीला
- सैंधव स्थलों के उत्खन्न से प्राप्त मोहरों पर किस पशु का प्रकीर्णन सर्वाधिक हुआ— बैल
- सिन्धु सभ्यता का कौन-सा स्थान भारत में स्थित है— लोथल
- भारत में खोजा गया सबसे पहला पुराना शहर कौन-सा था— हड़प्पा
- भारत में चाँदी की उपलब्धता के साक्ष्य कहाँ मिले— हड़प्पा की संस्कृति में
- मांडा किस नदी पर स्थित था— चिनाब पर
- हड़प्पा की सभ्यता का प्रमुख स्थल रोपड़ किस नदी पर स्थित था— सतलज नदी
- हड़प्पा में एक अच्छा जलप्रबंधन का पता किस स्थान से चलता है— धोलावीरा से
- सिंधु सभ्यता के लोग मिट्टी के बर्तनों पर किस रंग का प्रयोग करते थे— लाल रंग
- सिंधु घाटी का सभ्यता की खोज में जिन दो भारतीय लोगों के नाम जुड़े हैं, वे कौन हैं— दयाराम साहनी और आर.डी. बनर्जी
- किस वर्ष Harappa Civilization हड्प्पा सभ्यता की खोज हुई थी – वर्ष 1921
- सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख फसल कौन-सी थी— जौ एवं गेहूँ
- हड़प्पा की समकालीन सभ्यता रंगपुर कहाँ है— सौराष्ट्र में
- हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई किसने कराई— सर जॉन मार्शल
- सिंधु सभ्यता के लोग सबसे अधिक किस देवता में विश्वास रखते थे— मातृशक्ति
- हड़प्पा की सभ्यता में मोहरे किससे बनी थी— सेलखड़ी से
- किस स्थान से नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कांस्य मूर्ति प्राप्त हुई— मोहनजोदड़ो से
- मोहनजोदड़ो इस समय कहाँ स्थित है— सिंध, पाकिस्तान
- हड़प्पावासियों ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया— ताँबे का
- स्वतंत्रता के बाद भारत में हड़प्पा के युग के स्थानों की खोज सबसे अधिक किस राज्य में हुई—गुजरात
- हड़प्पा के निवासी किस धातु से परिचित नहीं थे— लोह से
- हड़प्पा की सभ्यता किस युग की सभ्यता थी— ताम्रयुग
- सिन्धु घटी सभ्यता के लोगो का मुख्या व्यवसाय क्या था- व्यापर
- हड़प्पा के किस नगर को ‘सिंध का बाग’ कहा जाता था— मोहनजोदड़ो को
- मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ क्या है— मृतकों का टीला
- हड़प्पा के निवासी घरों एवं नगरों के विन्यास के लिए किस पद्धति को अपनाते थे— ग्रीड पद्धति को
- प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता Sindhu Indus Valley का काल कब से कब तक था? – 2500 ई॰ पूर्व से 1500 ई॰ पूर्वतक
- प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता को क्या कहा जाता है? – नगरीय सभ्यता।
- प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता किन नदियों के किनारे विकसित हुई थी? – सिन्धु व उसकी सहायक नदियों केकिनारे
- सिंधु घाटी की सभ्यता किस युग में थी— आद्य-ऐतिहासिक युग में
- प्राचीन हड़प्पा नगर किस नदी के किनारे स्थित था? – रावी नदी के।
- प्राचीन हड्प्पा वासी कहाँ के मूल निवासी थे? – फिनीशिया
- सिंधु घटी सभ्यता के अवशेष प्राप्त लोगो का प्रमुख धन्धा क्या था – कृषि
- प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता का प्रधान बन्दरगाह कौन था – लोथल बन्दगाह
- प्राचीन सिन्धुवासी किसकी उपासना करते थे? – मातृदेवी और शिवलिंग की
- किसके प्रमाण मिलने के कारण से सिन्धु घाटी कि सभ्यता को आर्य पूर्व सभ्यता कहा जाता है – बर्तन
- प्राचीन सिन्धुवासी किस पशु को पवित्र मानते थे? – साँड
- प्राचीन हड़प्पा संस्कृति की मुद्राओं एव पक्की मिटटी की कलाकृतियों में किन पशुओ का चित्रण किया गया है – हाथी, बाघ , हिरन , गेंडा तथा भैस
- सिंधु घाटी की सभ्यता और वैदिक सभ्यता में प्रमुख अंतर क्या है – पहली नगरिया थी , जबकि दूसरी ग्रामीण
- हड़प्पाकालीन सभ्यता का विशाल कोठार अनाज संग्रहण Huge Pantry grain storage करने का स्थान कहा मिला है– मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा सभ्यता Harappa civilization का कौन सा स्थल भारत में स्थित नहीं है – बालकोट
- हड़प्पन लोगो Harappa civilization को किसकी जानकारी नहीं थी – लोहा
- किसके प्रमाण मिलने के कारण से सिन्धु घाटी कि सभ्यता को आर्य पूर्व सभ्यता कहा जाता है – बर्तन
- प्राचीन इतिहास में सबसे पहले कौन सा हड़प्पाकालीन स्थल खोजा गया था – हड़प्पा
- प्राचीन इतिहास में सिन्धु सभ्यता का पतन नगर कौन सा है – लोथल
- सिंधु घाटी स्थल कालीबंगा किस प्रदेश में स्थित है – राजस्थान
- प्राचीन सिंधु सभ्यता कहा तक विस्तृत थी – पंजाब ,राजस्थान ,गुजरात,उत्तरप्रदेश ,हरियाणा ,सिंध और बलूचिस्तान
- Harappa Society हड्प्पा कालीन समाज किन वर्गों में विभक्त था- विद्वान ,योद्धा ,व्यापारी और श्रमिक
- हड्प्पा सभ्यता के सम्पूर्ण क्षेत्र का आकर किस प्रकार का था – त्रिभुजाकार
- प्राचीन इतिहास Ancient History में सेंधव सभ्यता की ईंटो अलंकरण किस स्थान से मिला है – कालीबंगा
- सिंधु सभ्यता के लोगों का Main Occupation प्रमुख व्यवसाय क्या था – व्यापार
- प्राचीन इतिहास में Sindhu Civilisation सिंधु सभ्यता के घर किससे बनाये जाते थे – ईंट
- हड्प्पा वासी लोग किस वस्तु के उत्पादन में सर्वप्रथम थे – कपास Cotton
- हड्प्पा काल Harappa की मुद्राओं के निर्माण में मुख्य रूप से किसका प्रयोग किया गया था – टैराकोटा Teracotta
- सिंधु सभ्यता (Indus Valley Civilization) का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या था – Harappa civilization हड्प्पा सभ्यता
- हड्प्पा सभ्यता Harappa Civilization के लोगो की सामाजिक पद्धति – उचित समतावाद
- स्वतंत्रता से पूर्व भारत में सबसे अधिक संख्या में हड्प्पा युगीन स्थलों की खोज किस प्रान्त में हुई थी – Gujrat गुजरात
- प्राचीन सिंधु सभ्यता Sindhu Civilisataion में वृहत स्नानगार कहाँ पाया गया है – मोहनजोदड़ो
- हड्प्पा के मिट्टी के बर्तनों में सामान्यत: किस तरह के रंगों का प्रयोग हुआ है – लाल
- प्राचीन इतिहास में Mohanjodado मोहनजोदड़ो को किस अन्य नाम से जाना जाता है – मृतकों का टीला
- प्राचीन सिंधु सभ्यता कालीन के हड्प्पा लोग अपने नगरो व घरों के विन्यास के लिए कौन सी पद्धति अपनायी थी – Grid System ग्रिड पद्धति
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त पशुपति शिव आद्द शिव मुहर में किन -किन जानवरों का अंकन हुआ है – व्याघ्र ,हाथी ,गैंड़ा ,भैंसा व हिरण
- Mohanjodado मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी ईमारत किसे मणि जाती है – विशाल अन्नागार / धान्यकोठार
- हड्प्पा मुहरें Harappa Incription अधिकांश किससे बनी हुई है – सेलखड़ी
- किस हड्प्पा कालीन स्थल से पुजारी को प्रस्तर मूर्ति प्राप्त हुई है – हड्प्पा
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