Types Of Clouds In Hindi:- हम सभी ने आसमान में तरह-तरह के बादल देखे हैं। इनमें से कुछ बादलों का रंग सफेद, भूरा और काले होते हैं। आपको यह ज्ञात होगा ही की बादलों का निर्माण पृथ्वी की सतह पर उपस्थित है पानी में सूर्य की गर्मी के कारण वाष्पीकरण की प्रक्रिया के पश्चात होता है।किंतु आपको यह बात शायद पता होगी कि वाष्पीकरण के द्वारा बनने वाले बादल कई प्रकार के होते हैं और इनमें से कुछ ही बादल के प्रकार बारिश करते हैं।
आज हम आपको बादल के बनने से लेकर कौन से बादल अधिक वर्षा करते हैं इन सभी विषयों के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं।
इस रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े। आइए जानते हैं कि बादल क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं।
Types Of Clouds In Hindi (बादल और उनके प्रकार)
बादलों का निर्माण मुख्यता वायुमंडल में उपस्थित है अधिक आद्रता वाले हवा के रुद्धोष्म प्रक्रिया के द्वारा ठंडे होने पर उनके तापमान के ओसांक से नीचे गिरने से होता है।इन बादलों का घनत्व वातावरण के घनत्व से कम होता है जिसके कारण यह आकाश में तैरते हुए दिखाई देते हैं। बादल (जिसे मेघ के नाम से भी जाना जाता है) जल और बर्फ के अत्यंत छोटे कणों के पुंज होते हैं। वायुमंडल में उपस्थित आद्रता युक्त हवा के द्वारा आरोहण की प्रक्रिया से ये शीतल हो जाते हैं। संघनन की प्रक्रिया से गुजरने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प की बूंदे बर्फ के छोटे-छोटे कणों में रूपांतरित हो जाती हैं। इन्हीं संघनित बर्फ के छोटे टुकड़े और जल की बूंदें ही बादल कहलाती हैं।
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बादल के प्रकार (Types of Clouds)
सामान्य रूप से बादल को मुख्यता चार भागों में बांटा गया है। किंतु अलग-अलग स्थितियों के अनुसार इन्हें इन चार भागों के अतिरिक्त कई भागों में बांटा गया है। नीचे हम आपको बादलों के प्रत्येक प्रकार और उनके भागों के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दे रहे हैं।
- पक्षाभ बादल (Cirrus cloud)
- स्तरी बादल (Stratus cloud)
- कपासी बादल (Cumulus cloud)
- वर्षा बादल (Nimbo Stratus cloud)
वाष्पन और संघनन की प्रक्रिया के पश्चात बने बादल कई प्रकार के होते हैं। बादलों का वर्गीकरण करने के लिए बादलों की उपस्थिति अर्थात उनकी ऊंचाई, आकार तथा उनके स्वरूप के अनुसार की जाती है। बादलों की ऊंचाई के आधार पर इन्हें तीनों वर्गों में बांटा जा सकता है। यह निम्न है।
- उच्च मेघ:- पृथ्वी के धरातल भाग से लगभग 6 से 12 किलोमीटर की ऊंचाई के मध्य पाए जाने वाले बादलों को उच्च मेघ या उच्च ऊंचाई के बादल कहते हैं। यह बादल कई प्रकार के होते हैं।
- पक्षाभ बादल (Cirrus cloud):- पृथ्वी के वायुमंडल में पाए जाने वाले सबसे ऊंचाई क्षेत्र के बादल पक्षाभ मेघ कहलाते हैं। इन बादलों का निर्माण हिमकणो से होता है। अधिक ऊंचाई पर पाए जाने वाले यह बादल सफेद रेशम की भांति आसमान में अनियमित क्रम में उपस्थित होते हैं। इन बादलों से वर्षा नहीं होती। जब देश में चक्रवात जैसी स्थिति बनती है तो उनके आगमन के समय यह मेघ सबसे पहले दिखाई देते हैं। इन बादलों को चक्रवात के आगमन का सूचक भी माना जाता है।
- पक्षाभ स्तरी बादल (Stratus cloud):- यह बादल आसमान में एक महीना और सफेद चादर के रूप में पाए जाते हैं। इन बादलों से दिन के समय सूर्य और रात के समय चंद्रमा के चारों ओर एक आभामंडल का निर्माण होता है। यह बादल पक्षाभ बादलों के तुरंत बाद ही दिखाई देते हैं। इन बादलों को भी स्थानीय भाषा में चक्रवात सूचक के नाम से जाना जाता है।
- पक्षाभ कपासी बादल (Cumulus cloud):- आकाश में छोटे-छोटे खोल के रूप में दिखने वाले बादलों को पक्षाभ कपासी बादल (Cumulus cloud) कहते हैं। इन बादलों को कुछ लोग मेकेरल स्काई के रूप में भी जानते हैं। इन बादलों की स्थिति चक्रवाती बादलों की सूचना देने वाले बादलों से निम्न होती है अर्थात यह 6 किलोमीटर से कुछ ही ऊपर होते हैं।
- मध्य बादल:- आसमान में उपस्थित बादलों की स्थिति को देखते हुए जो बादल 2 से 6 किलोमीटर की ऊंचाई के मध्य पाए जाते हैं उन्हें मध्य बादल कहते हैं। यह निम्न प्रकार के होते हैं:-
- स्तरीय मध्य बादल:- आसमान में बिखरे छोटे-छोटे स्तर के बादल स्तरीय मध्य बादल कहलाते हैं। इन बादलों का रंग भूरा अथवा नीली चादर के जैसे होता है। आकाश में इनकी उपस्थिति होने पर कभी-कभी सूर्य की किरणें तथा चंद्रमा की रोशनी जमीन पर नहीं पहुंच पाती। इन बादलों के कारण आसमान में धुंधलापन छाया रहता है। इन बादलों से कई क्षेत्रों में लगातार बरसात होने की संभावना बनी रहती है।
- कपासी मध्य बादल:- कुछ बादलों का रंग सफेद तथा भूरा होता है। इन बादलों को धरा से देखने पर यह रंग गोलाकार धब्बे की तरह दिखाई देते हैं।कुछ क्षेत्रों में इन बादलों को छायादार बादल कहते हैं। क्योंकि इनकी उपस्थिति से आसमान में एक महीन चादर जैसी संरचना बन जाती है और जिससे सूर्य की किरणें की गर्मी तथा रोशनी कम हो जाती है।
- निम्न बादल:- जो बादल पृथ्वी की सतह से करीब 2 किलोमीटर की ऊंचाई तक पाए जाते हैं और वर्षा के लिहाज से काफी प्रमुख होते हैं उन्हें निम्न बादल कहते हैं। निम्न बादल कई प्रकार के होते हैं:-
- स्तरीय मेघ(Stratus cloud):- पृथ्वी के धरातल के सबसे नजदीक उपस्थित होने के कारण यह बादल कोहरे के समान प्रतीत होते हैं। इन बादलों में कई परतें पाई जाती हैं। भारत के ऐसे क्षेत्र जहां की जलवायु शीतोष्ण कटिबंध होती है वहां पर दो विपरीत स्वभाव वाली वायु के मिलने से इन बादलों का निर्माण होता है। Types Of Clouds In Hindi.
- स्तरीय कपासी बादल (Cumulus cloud):- आकाश में उपस्थित इन बादलों का आकार गोलाकार होता है और यह एक समूह यह पंक्ति में दिखाई देते हैं। सामान्य रूप से यह बादल सर्दी के मौसम में पूरे आसमान को ढेर कर सूर्य की रोशनी को कम कर देते हैं।
- कपासी बादल (Cumulus cloud):- आसमान कपाशी बादलों का आकार गुंबद आकार या फूलगोभी की आकार का होता है। हालांकि इन बादलों के आधार का रंग काला होता है किंतु इन बादलों का ऊपरी भाग सूर्य की किरणों के कारण प्रकाशित होता रहता है और यह बादल चमकीले दिखाई देते हैं। इन बादलों के आगमन से मौसम के साफ होने की सूचना प्राप्त होती है।
- वर्षा बादल (Nimbo Stratus cloud):- धरातल के सबसे नजदीक सतह पर पाए जाने वाले निम्न स्तरीय बादलों में वर्षा स्तरीय बादल होते हैं। इन बादलों का रंग काला या गहरा भूरा होता है। बरसात के लिए यह बादल महत्वपूर्ण है। क्योंकि इन बादलों से लगातार जल वृष्टि या इनकी बरसात होती रहती है। इनके आगमन के कारण धरातल पर अंधकार छाया रहता है। क्योंकि यह बादल अधिक सघन होते हैं और इनसे सूर्य की किरणें पार होकर धरातल तक नहीं पहुंच पाते।
जाने किस बादल से तेज बारिश होती हैऔर वर्षा के लिए कौन से बादल महत्वपूर्ण हैं:-
पृथ्वी के धरातल पर बारिश करने वाले बादल सामान्यतः वर्षा बादल (Nimbo Stratus cloud) (जिसे निम्न स्तरीय बादल भी कहते हैं) उपयोगी होते हैं। यह बादल तभी वर्षा करते हैं वायुमंडल की ऊपरी सतह मे ऊष्मा की अधिकता हो जाती है। जिसके कारण बादल के कण (जो जल और हिम से बने होते हैं) वर्षा की बूंदे बनकर गिरने लगती हैं और इन्हें ही वैज्ञानिक भाषा में बरसात कहा जाता है। Types Of Clouds In Hindi.
आज के इस लेख में हमने आपको वायुमंडल में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार बादलों और उनके प्रकार के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी ज्ञानवर्धक एवं अनेक परीक्षाओं की तैयारी हेतु उपयोगी सिद्ध होंगे। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक और परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ लगातार बने रहे।